20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ.मिथिलेश कुमार मिश्र
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जन्म 01 फरवरी 1959
जन्म स्थान ग्राम आंटदानपुर
स्थायी पता
पीलीभीत शिवनगर कॉलोनी आई.टी.आई. गेट नं. 3

डॉ.मिथिलेश कुमार मिश्र

देववाणी सुरभारती के उपासक डॉ. मिथिलेश कुमार मिश्र का जन्म हरदोई जनपद में स्थित ग्राम आंटदानपुर में दिनांक एक फरवरी उन्नीस सौ उन्सठ ई. (01.02.1959 ई.) को हुआ। इनकी माता का नाम श्रीमती रामवती देवी तथा पिता का नाम विश्वेश्वर दयाल मिश्र था।

इनकी आरम्भिक शिक्षा गांव के पास में स्थित तत्काल में प्रथित गुरुकुल श्री शिवसंकटहरण संस्कृत महाविद्यालय सकाहा जनपद हरदोई से हुई। इस समय यह विद्यालय विभिन्न संस्कृत विषय-विशेषज्ञों से समलंकृत एवं चर्चित था। यहीं से परम्परागत शिक्षा को प्राप्त करते हुए इन्होंने नव्य व्याकरण में आचार्य की उपाधि प्राप्त किया। पुनः साहित्य में भी आचार्य की उपाधि प्राप्त किया। इसी समय श्री दुग्धेश्वर संस्कृत महाविद्यालय पीलीभीत में नव्य व्याकरण के आचार्यत्व पद को समलंकृत करते हुए अध्यापन कार्य आरम्भ किया। यहीं पर 16 वर्ष 9 माह तक प्राध्यापक के रूप में तथा 25 वर्षों तक प्राचार्य के गुरुतर भार का निर्वहन किया। सन् 1992 ई.में रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली से ‘श्री शंकराचार्यस्तोत्रसाहित्यस्य दार्शनिकमध्ययनम्’ विषय पर शोध उपाधि ग्रहण किया। करण, दर्शन और साहित्य विषय में अपनी अच्छी पकड़ रखते हैं। संस्कृत में सम्भाषण करना आपकी रुचि ही नहीं आदत में है। लगभग 42 वर्षों की लम्बी अध्यापन की सेवा देकर आपने महाविद्यालय से अवकाश ग्रहण किया। 1978 ई. में आपने गृहस्थाश्रम में प्रवेश किया था। इस समय आशीष कुमार मिश्र और अनुपम मिश्र दो पुत्र हैं, जो राजकीय सेवा में लगे हैं। ग्राम ऑटदान हरदोई के अतिरिक्त पीलीभीत के शिवनगर कॉलोनी आई.टी.आई. गेट नं. 3 के पास अपना एक आवास भी बना लिया है।

योगदान-सस्कृत गद्य-पद्य में आपकी अकूत रचनाएं हैं। इनकी रचनाएं अभी प्रकाशित नहीं हैं। ‘संस्कृतविचारकेन्द्रम्’ के माध्यम से संस्कृत के प्रचार-प्रसार में सक्रिय योगदान देते रहते हैं। डॉ. उमारमण झा प्राचार्य केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ लखनऊ, आचार्य कुन्दनाथ मिश्र, मुमुक्षु आश्रम शाहजहां, डॉ. यशवन्त सिंह चौहान, डॉ. शिवशरण सिंह चौहान प्राचार्य सकाहा, डॉ. जगदेव पाण्डेय मुमुक्षु सुस्कृत महाविद्यालय आदि।