20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ.इन्दपाल द्विवेदी
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जन्म 12 जनवरी 1950
जन्म स्थान ग्राम भड़वल
स्थायी पता
ग्राम भड़वल हरदोई

डॉ.इन्दपाल द्विवेदी

देववाणी संस्कृत से सुकृत वाणी, वाग्गाम्भीर्य, संस्कृत व हिन्दी रूपकों के कुशल निर्देशक डॉ. इन्द्रपाल द्विवेदी का जन्म 12 जनवरी, 1950 ई. को हरदोई जनपद के मल्लावां ब्लॉक स्थित ग्राम भड़वल में कुलीन ब्राह्मण द्विवेदी परिवार में हुआ। इनकी माता का नाम राम देवी तथा पिता का नाम बजरंग प्रसाद द्विवेदी था। प्रारम्भिक परीक्षा प्राइमरी पाठशाला अकबरपुर एवं आदर्श श्री रुद्र विद्यालय बाजीगंज, मल्लावां, हरदोई से परम्परागत रूप में सम्पन्न हुई। साहित्य व नव्य व्याकरण में शास्त्री और आचार्य की उपाधि ग्रहण करने के बाद 1967-68 में मल्लावां संस्कृत विद्यालय में, तत्पश्चात् जयनारायण द्विवेदी इण्टर कॉलेज में संस्कृत के अध्यापक के रूप में कार्य करते रहे। इसी बीच इन्होंने सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय कानपुर से पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त किया। लगभग 38 वर्षों तक अध्यापन कार्य करते हुए सेवा कार्य से अवकाश ग्रहण किया।

विविध प्रकार के पाण्डित्य कर्म में आप बड़े ही निपुण एवं योग्य हैं। यज्ञ-यागदिक, विवाह-कर्म आदि में महारत है। आप धाराप्रवाह संस्कृत में बोलने की प्रवीणता रखते हैं। आकाशवाणी केन्द्र लखनऊ और दूरदर्शन पर संस्कृत में कार्यक्रम का प्रसारण होता रहता है।

इनका विवाह 1971 में हुआ। वर्तमान समय में आपका परिवार सीतापुर के ग्राम परसदा में रहता है। दो पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं-अनुपम कुमार द्विवेदी और उपवन कुमार द्विवेदी, पुत्रियां अनुराधा देवी एवं प्रियंका देवी हैं।

रचनाएं:- आप विविध प्रकार के श्लोकों की रचना में पटु हैं। शिखरिणी, बसन्ततिलका आदि श्लोक रचना में विशेष दक्षता रखते हैं। कोई बड़ी रचना अभी प्रकाशित नहीं हुई है।

प्रमुख शोधपत्र

(i)  उपमा कालिदासस्य-जयघोष-जे.एन.डी. पत्रिका

(ii) देशो रक्ष्योऽयं सुरभारती-गाण्डीवम् संस्कृतसाप्ताहिकम्, संस्कृत विद्यालय वाराणसी

(iii) ब्रह्मवर्चसम्-जयघोष-जे.एन.डी. पत्रिका (iv) संस्कृतभाषायाः महत्वम्-ज्ञानवर्धिनी मल्लावांतः।

संस्कृत के प्रसार-प्रचार में की गयी सेवा-संस्कृत में वार्तालाप, संस्कृत में पत्र-प्रेषण। संस्कृत श्लोक रचना प्रतियोगिता एवं सम्भाषण प्रतियोगिता का समय-समय पर।