20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
पुष्पमित्र शास्त्री
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जन्म 09 सितम्बर 1945
जन्म स्थान रायबरेली
स्थायी पता
सन्त कृपाल नगर सण्डीला हरदोई

पुष्पमित्र शास्त्री

पुष्पमित्र शास्त्री का जन्म रायबरेली जिले की छोटी बाजार में नौ सितम्बर उन्नीस सौ पैंतालीस ई. में हुआ। इनके पिता का नाम अर्जुन सिंह एवं माता का नाम द्रौपदी था। इन्होंने अपनी आरम्भिक शिक्षा अयोध्या स्थित गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय से परम्परागत रूप में प्राप्त की। शास्त्री वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय से तथा एम.ए. संस्कृत विषय में कानपुर विश्वविद्यालय से किया। 1970 से 1971 ई. तक लखनऊ में लाला रामस्वरूप इण्टर कॉलेज बंपरा में सहायक अध्यापक के रूप में अध्यापन करना आरम्भ कर दिया। सन् 1972 में गृहस्थाश्रम में बंध गए। 1972 से 1980 तक जिला बदायूं में श्री संस्कृत विद्यामन्दिर ऊंझानी में प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत रहे। पुनः 1981 से 2005 तक वैदिक संस्कृत महाविद्यालय, सन्त  कृपाल नगर, सण्डीला, हरदोई में प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत रहे। वहां से अवकाश ग्रहण करने के उपरान्त बेंहदर, कासिमपुर, सण्डीला के सन्तोष कुमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अपनी सेवा सहायक आचार्य के रूप में देते रहे। अब सन्त कृपाल नगर सण्डीला में ही अपना आवास बनाकर स्थायी रूप से रह रहे हैं।

आप संस्कृत और हिन्दी में बोलने-लिखने तथा अध्यापन करने में समर्थ हैं।

शोधपत्र प्रकाशन-

(i) स्वधर्मस्य अवधारणा, संस्कृतमंजरी पत्रिका

(ii) गीतायाः कर्मयोगः सम्प्रति तस्य प्रासंगिकता, संस्कृत एकैडमी दिल्ली द्वारा प्रकाशित है।

संस्कृत प्रचार-प्रसार हेतु सेवाओं का विवरण-सण्डीला नगर में चार संस्कृत सम्मेलनों का आयोजन। चार संस्कृत शिक्षण सम्भाषण शिविर का आयोजन।

स्वामी त्यागानन्द सांस्कृतिक एवं शैक्षिक सेवा समिति का गठन। इसके अन्तर्गत संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति से सम्बन्धित विषयों पर ग्रन्थ प्रकाशन, प्रचार एवं प्रसार का कार्य कुशलता से कर रहे हैं।