20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
शिव कुमार मिश्र शास्त्री
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जन्म स्थान पिहानी
स्थायी पता
2, चौहान थोक हरदोई

शिव कुमार मिश्र शास्त्री

देववाणी संस्कृत के उपासक, आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ के महोपदेशक पण्डित शिव कुमार शास्त्री का जन्म हरदोई जिले के पिहानी ऐतिहासिक कस्बे में आषाढ़ कृष्ण द्वितीया संम्वत् 1973 तदनुसार 1916 ई. में हुआ था। आप के पिता का नाम पं. प्रभुदयाल मिश्र एवं माता का नाम कौशल्या देवी था। आप का विवाह सन् 1939 ई. में हेमलता मिश्र के साथ सम्पन्न हुआ था। मिश्र जी की आरंभिक शिक्षा परम्परागत रूप से गुरुकुल ज्वालापुर हरिद्वार से आरंभ हुई थी। शास्त्री एवं आचार्य की डिग्री के अतिरिक्त इन्होंने हिन्दी और संस्कृत विषय में भी उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। धारा प्रवाह संस्कृत बोलने में आप निपुण थे। राजकीय इण्टर कालेज हरदोई में संस्कृत प्रवक्ता के अवकाश ग्रहण किया। प्रारंभ से ही आर्य समाज हरदोई से जुड़े रहे। हवन-पूजन यज्ञादिक कार्यों में बड़े ही दक्ष थे जिससे लोग इन्हें सादर अपने यहाँ हवन, धार्मिक पूजा पाठ में बुलाया करते थे। आर्यकन्या डिग्री कालेज में जब तक शासकीय सहायता विद्यालय को नहीं मिली तबतक अवैतनिक रूप से संस्कृत विषय का अध्यापन कार्य करते रहे। लगभग 89 वर्ष की दीर्घकालीन आयु को पाकर दि. 15 अक्टूबर, 2005 को गोलोकवासी हो गये। आप के एक पुत्र अवनीन्द्र कुमार मिश्र एवं चार पुत्रियाँ आशा मिश्रा, पुष्पा पाण्डेय, इन्दिरा दुबे तथा पद्मजा शंकर मिश्र हैं। वर्तमान में 2, चौहान थोक हरदोई में अपना निवास स्थान बना कर रह रहे हैं।

रचनाएँ-संस्कृत में 2 रचनाएँ आपकी मिलती हैं-यद्यपि और भी बहुत सी फुटकर कविताएँ रही हैं-

(1) दयानन्द सूक्ति सप्तशती देववाणी परिषद दिल्ली 1988,

(2) गाँधी सूक्ति सप्तशती देववाणी परिषद दिल्ली 1988।

पुरस्कार-संस्कृत साहित्य अकादमी लखनऊ द्वारा पुरस्कृत।

संस्कार प्रचार प्रसार हेतु की गयी सेवायें-आप आजीवन वेदों के अध्ययन अध्यापन हेतु प्रयत्नशील रहे। आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ के माध्यम से आर्य समाज में होने वाले कार्यक्रमों को सक्रिय रूप से क्रियान्वित करते रहे आप संस्कृत के उत्थान के प्रति सदैव ही जागरूक रहे।


पुरस्कार

संस्कृत साहित्य अकादमी