20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ. कुँवर नरेन्द्र प्रताप सिंह
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जन्म स्थान हड़िया तहसील के शाहीपुर गाँव
स्थायी पता
हड़िया तहसील के शाहीपुर गाँव इलाहाबाद जनपद

डॉ. कुँवर नरेन्द्र प्रताप सिंह

आपका जन्म इलाहाबाद जनपद की हड़िया तहसील के शाहीपुर गाँव में हुआ था । आपके वंशज मझौली राज से गये थे । आपके पिता कुंवर बृजलाल सिंह नौलखा थे व माता श्रीमती नलिनी सिंह सारंगढ़ स्टेट मध्य प्रदेश की राजकन्या थी । आपके पिता अध्यात्मिक व साहित्यिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे । आपके पिता की लिखित पुस्तक 'त्रवेणी' चर्चित रही ।

आपकी प्राथमिक शिक्षा गाँव में और माध्यमिक शिक्षा हँडिया व उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई । आपने 1964 में संस्कृत से एम.ए. और सुबन्धु की वासवदत्ता पर शोध उपाधि प्राप्त की।

1969 ई. में दिग्विजयनाथ महाविद्यालय के संस्कृत विभाग में शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया ।

रचनाएँ –

आपने संस्कृत, हिंदी, उर्दू आपने तीनों भाषाओं में पुस्तकें लिखी । इनका विवरण इस प्रकार है-

1. पूर्वसावरकरचरितम् - यह एक चरित्र काव्य है । काव्य की दृष्टि में चरित्र कार्यों को लिखना वहाँ अत्यन्त कठिन हो जाता है जहाँ अतिशयोक्ति के प्रति प्रतिबद्धता न दिखाई जाय । सपाट वर्णन में कवि की प्रतिभा का दर्शन नहीं हो पाता है । यह पुस्तक सावरकर स्मारक समिति मुम्बई से पुरस्कृत है । आप इसका दूसरा भाग लिख रहे हैं । इसका नाम उत्तरसावरकरचरितम् है ।

2. भारते विभातु भारती - यह संस्कृत की फुटकर रचनाओं का संग्रह है । इसमें से तमाम रचनाओं का पाठ आकाशवाणी गोरखपुर द्वारा पाठ हो चुका है।

3. द्विचक्रिकापञ्चविंशति - आपकी एक साइकिल थी उसके गायब हो जाने के कष्ट में आपने इसकी रचना की है। प्रताप पञ्चविंशति भी आपकी रचना है ।

4. महन्त अवेद्यनाथ अभिनन्दन - यह ग्रन्थ भी आपके सम्पादन में प्रकाशनाधीन है। इसमें 5 खण्ड हैं । इसमें महन्त अवेद्यनाथ कृतित्व, व्यक्तित्व शामिल है।

हिन्दी रचनाएँ -

1. पत्रपुष्पाञ्जलि - देवी को सम्बोधित पत्र संस्कृत साहित्य की स्तोत्र शैली में लिखा एक अच्छा ग्रन्थ है।

2. मैने सोचा है अभी - यह काव्य संग्रह है।

3. अयोध्या काण्ड - यह एक लघुकाय ग्रन्थ है।

4. महाराणा प्रताप - महाराणा प्रताप के चरित्र का गद्यात्मक वर्णन है।

उर्दू रचनाएँ -

1. दुदये चिराग़ - आपकी यह रचना भी गजल, नज़्म व रूबाइयों का संग्रह है। आप गोरखपुर से प्रकाशित योगवाणी मासिक पत्रिका व अरावली वार्षिक पत्रिका के भी सम्पादक रहे हैं।