20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ. दयानन्द शुक्ल
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जन्म 05 जुलाई 1951
जन्म स्थान ग्राम मितौली
स्थायी पता
ग्राम मितौली ,जनपद खीरी

डॉ. दयानन्द शुक्ल

डॉ. दयानन्द शुक्ल का जन्म ग्राम मितौली, जनपद खीरी में 5 जुलाई 1951 को हुआ । इनकी माता जी का नाम श्रीमती विद्यावती तथा पिता का नाम श्री सुखीराम शुक्ल था । इनका विवाह 1973 में हुआ । पियूष शुक्ल तथा निमेष शुक्ल दो पुत्र हैं तथा प्रतिभा बाजपेई पुत्री है ।

     इनकी आरम्भिक तथा माध्यमिक शिक्षा-दीक्षा प्राइमरी पाठशाला मितौली तथा कृषक इण्टर कॉलेज महोली सीतापुर में हुई । आपने गणित विषय में एम.एस.सी., संस्कृत विषय में एम.ए., बी.एड. तथा 'अश्वघोष के काव्यों का दार्शनिक अनुशीलन' विषय पर संस्कृत विषयान्तर्गत पी.एच.डी. की । आपके शोध गुरु डॉ. देवनारायण मिश्र विभागाध्यक्ष संस्कृत आर.एम.पी. महाविद्यालय सीतापुर थे ।

     शुक्ल जी ने धर्मसभा इण्टर कॉलेज लखीमपुरखीरी में 1976 से 1986 तक अध्यापन किया तथा 1986 से 2012 तक प्राधानाचार्य रहे तथा उसी पद से सेवानिवृत्त हुए ।

     शुक्ल जी ने यथार्थबोध नाम की पुस्तक लिखी जो स्वतिक प्रेस लखीमपुर से 2018 में प्रकाशित हुई । आपने सेवानिवृत्ति के पश्चात् स्फुट रूप से संस्कृत का प्रचार-प्रसार किया । विशेष रूप से संस्कृत भारती नामक संस्था से जुड़ कर संस्कृत का जन-जन में प्रचार कर संस्कृत की सेवा की । 2000 से 2010 तक संस्कृत परिषद नामक संस्था के जिलाध्यक्ष भी रहे ।