20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ. गदाधर त्रिपाठी
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जन्म 03 अक्टूबर 1943
जन्म स्थान ग्राम बावनी
स्थायी पता
ग्राम बावनी जिला जालौन उत्तर प्रदेश

डॉ. गदाधर त्रिपाठी

डॉ. गदाधर त्रिपाठी का जन्म 3 अक्टूबर 1943 में ग्राम बावनी, जिला जालौन उत्तर प्रदेश में हुआ था । आपके पिता का नाम स्वर्गीय श्री राम चरण त्रिपाठी तथा माता का नाम श्रीमती कमल कुवँर है । आपका विवाह मई 1968 में ममता त्रिपाठी से हुआ था । आपके दो पुत्र हैं । प्रथम पुत्र श्री विजय त्रिपाठी उत्तर प्रदेश पुलिस अधीक्षक हैं तथा डॉ. ऋतुराज त्रिपाठी उत्तर प्रदेश शासकीय चिकित्सा सेवा में हैं । आप की दो पुत्रियाँ भी हैं ।

डॉ. त्रिपाठी ने श्री महेश्वरानन्द संस्कृत विद्यालय झलोखर हमीरपुर में उत्तर मध्यमा का अध्ययन तक अध्ययन किया । सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री तथा आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण की । आपने नेपाली भाषा का भी अध्ययन किया है । वी. एस.एस.डी. कॉलेज कानपुर से संस्कृत से एम.ए. किया । आपने 1979-81 में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से "बौद्ध दर्शन में विद्यावाचस्पति" विषय पर शोध उपाधि प्राप्त की ।

डॉ. त्रिपाठी जी का शोधग्रन्थ प्रकाशित तथा उत्तरप्रदेश संस्कृत अकादमी से पुरस्कृत है । आप पाली तथा व्याकरण के विद्वान् हैं । आपका शैक्षणिक अनुभव 33 वर्ष का है । डॉ. त्रिपाठी 1986 से अब तक उत्तर प्रदेश, बिहार एवं मध्य प्रदेश में रामकथा प्रवचन एवं मञ्च संचालन कर रहे हैं । पिछले 15 वर्षों से आप बी.ए तथा एम. ए. स्तर के छात्र-छात्राओं को निशुल्क संस्कृत का अध्यापन कर रहे हैं । आपके अगणित शिष्य हैं ।

डॉ. गदाधर त्रिपाठी जी ने 4 मौलिक पुस्तकों की रचना की है, जिनमें से 'वाग्विलास' 2020 में निखिल पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स आगरा से प्रकाशित है, 'विचार वीथी' 2015 में जय भारत ऑफसेट प्रिंट्स से प्रकाशित है तथा 'विचार वैभव' 2019 में, निखिल पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स आगरा से प्रकाशित है तथा 10 पुस्तकें सम्पादित हैं । आपने शताधिक लेख लिखे हैं ।

डॉ. त्रिपाठी की बौद्धदर्शन पर प्रकाशित पुस्तक उत्तरप्रदेश संस्कृत अकादमी लखनऊ से पुरस्कृत है ।