20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
प्रो. मुरली मनोहर पाठक
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जन्म 01 सितम्बर 1962
जन्म स्थान लार टाउन
स्थायी पता
लार टाउन, देवरिया

प्रो. मुरली मनोहर पाठक

जन्मतिथि- 01.09.1962 लार टाउन, देवरिया (उ.प्र.) । वर्तमान पद- आचार्य एवं अध्यक्ष, संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर

पारम्परिक शिक्षा- पितामह आचार्य जयराम पाठक से संस्कृत विद्या का ज्ञान औपचारिक शिक्षा- इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक, स्नातकोत्सर, एल-एल. बी. एवं डी. फिल्,सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से साहित्याचार्य।

सेवा-

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.) में 22 अक्टूबर 1990 से 17 अक्टूबर 2006 तक प्राध्यापक एवं उपाचार्य के रूप में कार्य सम्पादन -दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर वि.वि. गोरखपुर के संस्कृत विभाग में 18 अक्टूबर 2006 से आचार्य के पद पर निरन्तर कार्य सम्पादन विशेषज्ञता कार्यक्षेत्र वेद, व्याकरण, साहित्य दर्शन एवं ज्योतिष

प्रकाशन- पुस्तक 01 (ऋग्वेदीय दर्शन एवं प्रमुख दार्शनिक सूक्त) सम्पादन 02 प्रशासनिक अनुभव- विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (म.प्र.) में ज्योतिर्विज्ञान विभाग के समन्वयक छात्रावास वार्डन, छात्रसंघ प्रभारी, एन. एस. एस. कार्यक्रम अधिकारी के रूप में कार्य महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन (म.प्र.) में पांच माह तक पाच विभागों के अध्यक्ष, डॉन, वित्ताधिकारी तथा कुलसचिव के रूप में कार्य - दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर वि.वि. गोरखपुर में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष के रूप में दिसम्बर 2012 से दिसम्बर 2015 तक तथा दिसम्बर 2018 से 2021 तक । कार्य शोधपत्र- प्रकाशित- 70.

शोध-निर्देशन- एम.फिल्- 07.पी-एच.डी.-28

पुरस्कार / सम्मान - राष्ट्रिय तथा अन्तराष्ट्रिय 14 पुरस्कार प्राप्त । मानद उपाधि- संस्कृत महामहोपाध्याय, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान से वर्ष 2019 का विशिष्ट पुरस्कार।