20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
आचार्य हरेराम त्रिपाठी
जन्म 01 जुलाई 1666
जन्म स्थान ग्राम चकिया

आचार्य हरेराम त्रिपाठी

प्रो० हरेराम त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद के अन्तर्गत तहसील कसया विकासखण्ड फाजिलनगर, पोस्ट-शंकरपटखौली, ग्राम चकिया में १.०८.१६६६ को हुआ। बघौचघाट, देवरिया पाठशाला से ग्यारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण कर काशी में अध्ययन के लिए प्रो० त्रिपाठी गये। प्रो० वशिष्ठ त्रिपाठी से न्यायशास्त्र का अध्ययन करके शास्त्री एवं आचार्य परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर प्रो० वशिष्ठ त्रिपाठी के निर्देशन में शोध कार्य किये।

त्रिपाठी जी ने १८ मास सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में संगणक परियोजना के अन्तर्गत कनिष्ठ अनुसंधान अधिकारी पद पर कार्य किया १६६३ ई० में राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली के रणवीर केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ, शास्त्रीनगर, जम्मू में वर्ष सहायक आ सहायक आचार्य पद पर सर्वदर्शन विभाग में कार्य करने के बाद २००१ ई० में श्री लाल बहादुर शास्त्री राषि विद्यापीठ, नई दिल्ली में रीडर पदभार ग्रहण कर अध्यापन कार्य त्रिपाठी जी ने किया। २००६ से प्रोफेसर पद पर अद्यावधि अध्यापन एवं शोध कार्य कर रहे हैं।

प्रो० हरेराम त्रिपाठी राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान (मानित विश्वविद्यालय) जनकपुरी, नई दिल्ली के प्रबन्ध समि समिति के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मनोनीत सदस्य तीन वर्ष तक रह चुके हैं। भारतीय दार्शनिक अनुस के कौंसिल सदस्य, आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, ऊना के प्रबन्ध समिति, वित्त समिति के अध्यक्ष भारत सरकार २०१६ से २०२२ तक किये गये हैं।

प्रो० त्रिपाठी के निर्देशन में १६ शोध छात्र विद्यावारिधि (पीएच.डी.) ६ छात्र विशिष्टाचार्य उपाधि को प्राप्त कि राष्ट्रपति द्वारा वादरायण व्यास सम्मान, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा शंकर पुरस्कार, वर्ष २०१८ का विशिष्ट पुरस्कार, पाणिनि सरयूपारीण, नोयडा द्वारा सरयूरत्न पुरस्कार प्रो० त्रिपाठी प्राप्त कर चुके हैं।

संस्कृत भाषा के विकास, प्रचार एवं प्रसार के लिए १४ वर्षों से प्रयत्नशील है। १०० सेमीनार /कार्यशाला/संगोष्ठी में त्रिपाठी जी ने भाग लिया है एवं पत्रवाचन किया है। अभिषेचनम्, अभ्युदयः, हिमवद्वत्सला आदि पत्रिकाओं के प्रो० त्रिपाठी सम्पादक हैं। सम्प्रति आप सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति हैं।


पुरस्कार

वादरायण व्यास सम्मान,शंकर पुरस्कार ,पाणिनि सरयूपारीण,सरयूरत्न पुरस्कार