20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
राघवराम मिश्र शास्त्री
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जन्म 04 अगस्त 1952
जन्म स्थान ग्राम-कौशलपुर
स्थायी पता
ग्राम-कौशलपुर, पोस्ट-सुनाया, कोच जालौन

राघवराम मिश्र शास्त्री

पण्डित राघवराम मिश्र शास्त्री का जन्म 4 अगस्त, 1952 को ग्राम-कौशलपुर, पोस्ट-सुनाया, कोच जालौन में हुआ था। आपके पिताजी स्व. श्री रामदयाल मिश्र और माता स्व. श्रीमती गेंदा रानी देवी थीं। आपका विवाह 1971 ईस्वी में हुआ। आपकी पत्नी श्रीमती पार्वती देवी से आपको 2 पुत्र एवं 2 पुत्रियां हुईं। जिनमें प्रथम पुत्र स्व. शशि भूषण मिश्र थे। एवं द्वितीय पुत्र ब्रजभूषण मिश्र हैं। पुत्रियों में श्रीमती सुमन देवी एवं श्रीमती सुलेखा हैं।

आप की आरंभिक शिक्षा प्राथमिक पाठशाला, सुनाया, कोंच, जालौन से ही हुई। तदनंतर आपने प्रथमा, मध्यमा के साथ शास्त्री और आचार्य जैसी पारम्परिक संपूर्ण शिक्षा ग्रहण की।

आपने गुरुपरंपरा में प्रमुख रूप से पं. युगलकिशोर शास्त्री एवं पं. बृजनंदन शास्त्री से विद्या ग्रहण की। आपके शिष्यों की कड़ी में पं. कृष्ण कुमार शास्त्री एवं राजेंद्र कुमार शास्त्री प्रमुख रहे।

आप श्री आदर्श संस्कृत पाठशाला, पहुंच, जालौन में प्रवक्ता रहे। वहीं पर कई वर्ष आपने प्रधानाचार्य के गुरुतर दायित्व का निर्वहण किया। आप हिंदी और संस्कृति भाषा की जानकारी रखने वाले विद्वान् हैं।

आपका शैक्षणिक अनुभव लगभग 37 वर्ष का रहा।

आपका एकमात्र मौलिक ग्रन्थ ‘‘श्रीमद्भागवतामृत साप्ताहिकी’’ किनी ऑफसेट लक्ष्मीबाई पार्क के सामने झांसी, उत्तर  प्रदेश से  प्रकाशित हुआ था।  आपकी यह मौलिक रचना श्रीमद्भागत पर अधारित है, जो साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथावाचन की शिक्षा के लिए अत्यन्त उपादेय है।

पुरस्कार-

राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में आपको राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा 2013 ईस्वी में शिक्षक दिवस के अवसर पर ‘‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’’ प्रदान किया गया।

आपने संस्कृत संभाषण के माध्यम से अनेक विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा में दक्ष बनाने के लिए, संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए और उसको जन-भाषा बनाने के लिए कई वर्षों तक कार्य किया। पांडित्य, कर्मकाण्ड एवं  श्रीमद्भागवत के आप विशेषज्ञ विद्वान् थे। कई वर्षों तक आपने पांडित्य कर्म के माध्यम से वैदिक साहित्य को उपकृत किया।


पुरस्कार

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार