20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ आशा शाह
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जन्म 12 फरवरी 1951
जन्म स्थान अलीगढ़
स्थायी पता
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश

डॉ आशा शाह

डॉ आशा शाह का जन्म दिनांक 12 फरवरी सन् 1951 में, अलीगढ़ उत्तर प्रदेश में हुआ था । इनके पिता स्व. श्री शिवशंकर जी तथा माता स्व. श्रीमती गायत्री देवी जी हैं । इनका विवाह सन् 1985 में श्री अश्विन टी. शाह जी के साथ हुआ । इनके पुत्र का नाम श्री अंशुमान है।

डॉ शाह की आरम्भिक शिक्षा अलीगढ़ में ही हुई । आपने आगरा विश्वविद्यालय से सन् 1976 में "उपनिषद् वाङ्मय तथा आरण्यकों और वैदिक कल्पसूत्रों में वर्णित आचार का तुलनात्मक और समीक्षात्मक अध्ययन" विषय पर पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की । आप वैदिक साहित्य की विदुषी हैं । आपको संस्कृत, हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है । आपकी गुरु परम्परा में - पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी, डॉ. श्रीनिवास मिश्र, प्रो. सुरेंद्र नाथ शास्त्री, श्री सोहन लाल गौड़, डॉ. रघुवीर शास्त्री, डॉ. राम नाथ जी, सुश्री सुमन गुप्ता जी हैं।

डॉ शाह वैकुण्ठी देवी कन्या महाविद्यालय, आगरा की अवकाश प्राप्त एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

डॉ शाह ने 16 ग्रन्थों का प्रणयन किया है । आपने जनवरी 1975 से 1985 पर्यन्त 'दिव्य आहुति' त्रैमासिक पत्रिका (प्रकाशक - शक्ति साधना संस्थान, अलीगढ़) का सम्पादन भी किया है । आपने "बालनिर्माण की कहानियां" (खण्ड 1 से 16 तक) पुस्तक की रचना की है, जो युग निर्माण योजना, गायत्री तपोभूमि मथुरा से प्रकाशित है । प्रत्येक खंड के अनेक संस्करण अद्यावधि प्रकाशित हो रहे हैं । उपर्युक्त पुस्तकों का गुजराती, मराठी और उड़िया भाषा में अनुवाद प्रकाशित हुआ है । सन् 2017 में मोतीराम बाबूराम राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हल्द्वानी, नैनीताल में डॉ. प्राप्त के निर्देशन में शोधार्थी गीता बेलवाल का बालनिर्माण की कहानियों पर, एम.ए. उत्त. (हिन्दी) में लघु शोध प्रबन्ध स्वीकृत हुआ । आपकी शिष्य परम्परा में - डॉ. राजकुमारी शर्मा, डॉ. दिनेश कौशिक, डॉ. मंजू शर्मा, डॉ. आभा, डॉ राखी शर्मा, डॉ. रूपम् कुलश्रेष्ठ, डॉ. मन्जू लता जी हैं ।

डॉ. शाह ने अनेक शोध पत्र लिखे हैं । संस्कृत और संस्कृत के प्रसार हेतु समय-समय पर निम्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कहानी, कविता, समीक्षा, परिचर्चा आदि प्रकाशित हुए - कादम्बिनी, मंगलदीप, दिव्य आहुति, सजल श्रद्धा, अमर उजाला, स्वराज्य टाइम्स, दैनिक जागरण आदि । गायत्री तपोभूमि द्वारा सञ्चालित विद्यालय तथा प्रशिक्षण शिविरों में और अन्य स्थानों पर भारतीय संस्कृति, धर्म, जीवन दर्शन आदि से सम्बन्धित विविध व्याख्यानों द्वारा निरन्तर अद्यावधि सहभागिता रहती है ।