20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
सत्यभामा श्रीवास्तव
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जन्म 15 दिसंबर 1957
जन्म स्थान गाँव चौरी
स्थायी पता
गाँव चौरी बस्ती

सत्यभामा श्रीवास्तव

सत्यभामा जी का जन्म 15 दिसम्बर, 1957 को बस्ती जिले के चौरी गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व. श्री गजराज बहादुर तथा माता का नाम स्व. श्रीमती विद्या देवी था। आप आरम्भिक शिक्षा गाँव के ही विद्यालय से प्राप्त करने के बाद अपनी उच्च शिक्षा हेतु अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद आ गयीं। यहीं से आपने ‘‘त्रिविक्रमभट्ट कृत नलचम्पू एवं सोमदेवसूरि कृत यशस्तिलकचम्पू महाकाव्यम् का तुलनात्मक अध्ययन’’ विषय पर अपना शोधकार्य पूर्ण किया। जनवरी 1983 से जुलाई 2000 तक आपने गनपतसहाय पी.जी. कालेज सुल्तानपुर में सहायकाचार्या संस्कृत के रूप में अपनी सेवा प्रदान की। तत्पश्चात् जुलाई 2000 से जून 2020 तक आपने किसान पी.जी. कालेज, बहराइच में संस्कृत विभागाध्यक्षा के पद को सुशोभित किया। अपने इस 37 वर्ष के अध्यापन में आपने 14 शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। जून 2020 में आप सह आचार्या के पद से सेवानिवृत्त हो गयीं। वर्तमान में आपके अनेक शिष्य शासन-प्रशासन तथा अध्यापन के क्षेत्र में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों को सुशोभित कर रहें हैं। सत्यभामा जी का विवाह बहराइच के डॉ. अशोक कुमार श्रीवास्तव से हुआ जो वर्तमान में बहराइच के ही गायत्री विद्यापीठ रिसिया के प्राचार्य पद को अलंकृत कर रहे हैं। आपके तीन पुत्र सौरभ, नितीश और पुनीत अपने-अपने कार्यक्षेत्र में निरत हैं।

आपका ‘नलचम्पू और यशस्तिलकचम्पू का तुलनात्मक अध्ययन’ नामक ग्रन्थ ज्ञानभारती पब्लिकेशन दिल्ली से 2004 में प्रकाशित है। इस ग्रन्थ में सत्यभामा ने जिस प्रकार से दोनों चम्पूकाव्यों के काव्य-सौष्ठव का तुलनात्मक वर्णन किया है वह अद्भुत है। यह ग्रन्थ आपकी काव्य मर्मज्ञता का सुन्दर उदाहरण है। आपने भर्तृहरि के ‘नीतिशतक’ नामक ग्रन्थ का भी सम्पादन किया जो कि ‘मूलचन्द्र एण्ड ब्रदर्स अयोध्या’ से प्रकाशित है। इसके अतिरिक्त आपके अनेक शोधपत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं।