20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी
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जन्म स्थान नैमिषारण्य सीतापुर

डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी

श्री रामकृपालु त्रिपाठी का जन्म वि. सं.1982 में नैमिषारण्य सीतापुर में हुआ । आपकी माता नन्दरानी एवं पिता लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी था । आपकी पत्नी का नाम अन्तरर्था है। पुत्र सोमकान्त त्रिपाठी एवं अतुल प्रताप है । आपका विवाह 1979 में हुआ ।

            आपने आरम्भिक शिक्षा सीतापुर से तथा शास्त्री तथा आचार्य श्री एकरसानन्द संस्कृत महाविद्यालय मैनपुरी से किया । आप साहित्य विषय के विद्वान् है । आपने 1989 में 'कवित्रयीमहाकाव्येषु काव्यशास्त्रीयगुणविवेचनम्' विषय पर शोधोपाधि प्राप्त की । आपके गुरु डॉ. लाल बिहारी शास्त्री, आदरणीय रामकृपाल दुबे, आचार्य प्रभुदत्त शर्मा, आचार्य केशव देव तिवारी रहे ।

            आप हिन्दी एवं संस्कृत में निष्णात हैं । आप रंगलक्ष्मी आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत साहित्य विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य रहे । आपके शिष्य डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा, हरिश्चन्द्र उन्याल (डी.यू. में), कृष्णप्रभाचार्य जी हैं ।

रचनाएँ-

आपे1. 'कवित्रयीमहाकाव्येषु काव्यशास्त्रीयगुणविवेचनम्' तथा 2. 'भागवतविमर्श' दो ग्रन्थ प्रकाशित हैं । 'दिवङ्गता विभूतिरेका' 1973 मे स्मारिका में मैनपुरी में प्रकाशित हुआ ।

            उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुरुस्कार प्राप्त हैं ।


पुरस्कार

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुरुस्कार