20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
आचार्य द्वारकानाथ त्रिपाठी
जन्म 03 जनवरी 1958
जन्म स्थान रामपुर महावीर बलिया
स्थायी पता
रामपुर महावीर बलिया उत्तर प्रदेश

आचार्य द्वारकानाथ त्रिपाठी

प्रज्ञाचक्षु आचार्य द्वारकानाथ त्रिपाठी जी का जन्म 3 जनवरी, सन् 1958 में, रामपुर महावीर बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ था । आपके पिता का नाम स्व. आचार्य रामचन्द्र त्रिपाठी तथा माता का नाम स्व. श्री मती इन्द्रासना त्रिपाठी था । आपका विवाह सन् 1992 में श्रीमती कमलेश त्रिपाठी के साथ हुआ । आपके पुत्र श्री सारांश त्रिपाठी तथा पुत्री श्रीमती प्रस्तावना त्रिपाठी हैं ।

आचार्य त्रिपाठी जी की आरम्भिक शिक्षा श्री तुलसी मानस अन्ध विद्यालय दुर्गाकुण्ड वाराणसी में हुई । आपने शास्त्री के साथ-साथ व्याकरण से स्नातकोत्तर किया ।आपने सन् 1989 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से "वैयाकरण भूषणसार एक अध्ययन" विषय से शोध उपाधि प्राप्त की । आप संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, भोजपुरी, उर्दू तथा ब्रज भाषाओं के जानकार हैं । आपके गुरु - प्रो. तेजपाल शर्मा, कविकुलश्रेष्ठ पं. राजकिशोर मणि त्रिपाठी, प्रो. रामप्रसाद त्रिपाठी, प्रो. कालिका प्रसाद शुक्ला, प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी हैं ।

आचार्य त्रिपाठी 'आचार्य रामचन्द्र त्रिपाठी सांस्कृतिक एवं संस्कृत सेवा न्यास' प्रिमियर नगर, एक्सटेंशन गम्भीरपुरा अलीगढ़ में अध्यक्ष पद पर नियुक्त किए गए । आप डी.एस. पी.जी. कॉलेज अलीगढ़ में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर नियुक्त हुए ।

आपने 6मौलिक पुस्तकें लिखी तथा 7 सम्पादित की हैं । आपके द्वारा रचित पुस्तकें हैं - संस्कृत कविता श्लोक गीतिसंग्रह (जी.एच. पब्लिकेशन इलाहाबाद, 2022 में प्रकाशित), शतकम् पर्यावरण सुरक्षा (मौलिक) (जी.एच. पब्लिकेशन इलाहाबाद, 2018 में प्रकाशित), वैयाकरण भूषणसार विवेचनम् (मौलिक) (जी.एच. पब्लिकेशन इलाहाबाद, 2022 में प्रकाशित), शतकम्, एड्स रोग निवारणम् (मौलिक) (शर्मा प्रिंटिंग प्रेस अलीगढ़, प्रथम संस्करण 1995-96) ।

आपके द्वारा लिखे शोध पत्र हैं - ऋग्वेदे लोकव्यवहार:, वेदे मानवतासन्देश:, गीतायाम् पर्यावरण- सुरक्षा, वाल्मीकिरामायणे पर्यावरणविश्लेषणम् तथा महाभारतकालीनं संगीतम् । आपने कुल 13 अन्तर्राष्ट्रीय तथा 19 राष्ट्रीय लेख लिखे हैं । विभिन्न संस्थाओं में धारित मानद पद हैं - यूजीसी रिसर्च एसोसिएट (26 जुलाई 1990 से 3 मार्च 1994 तक दिल्ली विश्वविद्यालय), विजिटिंग प्रोफेसर कन्या गुरुकुल महाविद्यालय सासनी, हाथरस, उत्तर प्रदेश  (केवल रविवार 1999 से अद्यावधि), अध्ययन समिति (आगरा विश्वविद्यालय का सदस्य 2017 से 2019) ।

आचार्य त्रिपाठी जी को अलग-अलग मञ्चों पर अलग-अलग संस्थानों द्वारा महामहोपाध्याय, वैशम्पायन, संस्कृत रत्न, संस्कृत गौरव एवं सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया है ।