20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ. मनीषा आर्या
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जन्म 05 मार्च 1998
जन्म स्थान ग्राम धौलागढ़
मोबाइल नंबर
9719555975
स्थायी पता
गली नं 19, रानीबाग कॉलोनी, धामपुर, जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश, 246761

डॉ. मनीषा आर्या

डॉ. मनीषा आर्या जी का जन्म 05 मार्च सन् 1988 को, ग्राम धौलागढ़ तहसील चाँदपुर बिजनौर उत्तर प्रदेश में हुआ था । आपके पिता का नाम श्री राजेश सिंह तथा माता का नाम स्व. कुसुम देवी है । आपका परिवार संस्कृति के संरक्षण के लिए अहर्निश अपनी सेवा प्रदान कर रहा है । आपके ज्येष्ठ भ्राता श्री कृष्ण कुमार आई.टी.बी.पी. में रहकर देश की सेवा पूरे मनोयोग से कर रहे हैं । आपका विवाह निकट ही धामपुर नामक स्थान पर प्रो. हिमांशु रंजन जी से 08 दिसंबर सन् 2017 में हुआ था । आपके पुत्र का नाम प्रज्ञान (लक्षित) है ।

आपका प्रवेश गुरुकुल कन्या विद्यापीठ नजीबाबाद में आपके मौसा जी श्रीयुत् जगराम जी की प्रेरणा से हुआ, जो कि आर्य समाज के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं तथा एक धर्मनिष्ठत  व्यक्ति हैं । इन्होंने अपनी पुत्री उपासना का प्रवेश गुरुकुल में कराया और मनीषा यानी आपके पिताजी को भी प्रेरणा दी, फलस्वरुप दोनों बहनों का एक साथ प्रवेश गुरुकुल में सन् 1999 में हुआ । ब्राम्हणों का वचन है - 'आचार्यमुपनयमानो ब्रह्मचारिणं कृणुते गर्भमन्त:' इस वचन का पालन करते हुए वैसा ही संरक्षण एवं संवर्धन आचार्या डॉ प्रियंवदा वेद भारती जी के चरणो में अध्ययन करके आपको मिला । इसी क्रम में डॉक्टर मनीषा ने भी विद्या अध्ययन किया । आपने षष्ठी कक्षा से प्रारंभ करके मध्यमा, शास्त्री, आचार्य व्याकरणाचार्य पर्यंत अनेक निरुक्त, महाभाष्य आदि ग्रंथों का निरंतर अध्ययन किया । वर्ष में बीच-बीच में अनेक विद्वान् अनेकानेक शास्त्रों को पढ़ाने गुरुकुल में आते रहते थे । इस क्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त आर्चाय डा० सुद्युम्न जी से परमलघुमज्जूषा, वाक्यपदीयम् जैसे अनेक दार्शनिक व्याकरण ग्रन्थों को पढ़ने का सौभाग्य भी आपको प्राप्त हुआ । आचार्य भवेन्द्र जी- जो कि व्याकरण के मूर्धन्य विद्वान् हैं तथा बहुत ही विनम्र और साधारण व्यक्तित्व के धनी है, इनसे महाभाष्य जैसे कठिन ग्रन्थ को पढ़ने का सौभाग्य मिला । आर्य जगत् के मूर्धन्य विद्वानों में परिगणित है डॉ० ज्वलन्त कुमार शास्त्री जी जो कि बच्चियों के अन्दर देशभक्ति की भावना को जागरित करते रहते थे । डा० प्रशस्यमित्र जी आप संस्कृत के कवियों में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं । आपने भी व्याकरण आदि की कक्षायें पढ़ायी हैं । इस प्रकार अनेकानेक विद्वानों से गुरुकुलीय जीवन में आपने अध्ययन किया तथा अपने जीवन को निरन्तर उन्नति की ओर ले जाती चली गयी । सन् 2011 में गुरुकुल प्रथम भव्य दीक्षान्त समारोह आयोजित किया गया जिसमें आपका दीक्षान्त हुआ और आचार्या जी ने सभी स्नातिकाओं को " व्याकरण भारती " की उपाधि प्रदान की । आप "गुरुकुल आर्ष कन्या विद्यापीठ" नजीबाबाद (स्थापना वर्ष 14 जुलाई 1996)  जो कि आर्य जगत् की धुरंधर विदुषी आचार्या डॉ. प्रियंवदा वेदभारती जी द्वारा संस्थापित है, की प्रथम स्नातिकाओं में एक रहीं हैं ।  इसके बाद पिताजी की प्रेरणा से केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ से शिक्षाशास्त्री (बी.एड.) सन् 2011-12 में परीक्षा उत्तीर्ण की । तदनन्तर इसी क्रम में 2012 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) उत्तीर्ण की । इसके बाद केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर से शिक्षाचार्य (एम.एड.) सन् 2012-13 परीक्षा पास की तथा प्रो० वाई. एस. रमेश जी के निर्देशन में लघुशोध लिखने का कार्य किया । तत्पश्चात् केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ संस्थान से विद्यावारिधि (पी.एचडी.) परीक्षा उत्तीर्ण की ।

आपका शोध कार्य "काशिकायाः पञ्चमषष्ठाsध्याययोः प्रत्युदाहरणानां शिक्षाशास्त्रदृष्ट्या प्रक्रियाविमर्श:" नामक विषय पर था । निर्देशक के रूप में प्रो. देवी प्रसाद जी ने आशीर्वाद दिया । शोधकार्य में अनेकानेक विद्वानों के पास बैठकर अध्ययन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जिसमें "प्रो० आजाद मिश्र" जी जो कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का मस्तिष्क हैं, इनका अत्यन्त सहयोग रहा डॉ. यदुवेन्द्र जी ने भी शोध कार्य में सहयोग किया । इस प्रकार आपका शोध कार्य भी सन् 2017 में पूर्ण हो गया ।

डॉ. मनीषा पृथ्वीराज इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी चकराजमल, धामपुर बिजनौर में 05 जुलाई 2017 से 'शिक्षा दर्शन प्रवक्ता' हैं । यदा कदा निकट ही आकाशवाणी नजीबाबाद में भी कार्यक्रम देती रहती है ।

डॉ. मनीषा ने "वेदेषु विश्वहितचिन्तनम्", "वेदाङ्ग व्याकरणम्", "भारतीय संस्कृत और संस्कृति में समाहित शिक्षा तथा उसका प्रभाव", "विश्व शान्ति में भारत का योगदान" तथा "वेदों में विज्ञान" लेख प्रकाशित हैं । "संस्कृत साहित्य में सुभाषित" 2013 में जयन्ती पत्रिका में प्रकाशित है तथा "पुरुष सूक्तान्तर्गत विराट् पुरुष" 2014 में गोमती पत्रिका में प्रकाशित हुआ ।

आपका पत्राचार एवं स्थाई पता - गली नं 19, रानीबाग कॉलोनी, धामपुर, जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश, 246761 है । आपका सम्पर्क सूत्र है - 9719555975, 7906306510 है।