20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ. रमेशचन्द जैन
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जन्म 01 फरवरी 1945
जन्म स्थान ग्राम ललितपुर
मोबाइल नंबर
7703858230
स्थायी पता
रोहिणी सेक्टर नं. 1. अवन्तिका के पास, नई दिल्ली

डॉ. रमेशचन्द जैन

डॉ. रमेशचन्द जैन का जन्म 01 फरवरी, 1945 को मड़ावरा, जिला ललितपुर, उ०प्र० नामक ग्राम में हुआ था । आपके पिता का नाम श्री सिंघई शिरचन्दजैन सोंरया तथा माता का नाम श्रीमती अशर्फी देवी जैन है । आपका विवाह डॉ० विजयलक्ष्मी जैन से हुआ, जो मूर्ति देवी कन्या विद्यालय इण्टर कॉलेज, नजीबाबाद (बिजनौर) से प्राचार्या के रूप में सेवानिवृत्त हुईं । आपके पुत्र का नाम पीयूष जैन है तथा पुत्री स्मिता जैन एवं मानसी जैन हैं । आपकी पुत्रवधू श्रीमती श्रुति जैन तथा पुत्र रोहित जैन जी हैं । आपकी बहन का नाम अंगूरलता जैन है । आपके भाई डॉ. अशोक कुमार जैन, डॉ. नरेंद्र कुमार जैन, डॉ. सुरेंद्र कुमार जैन तथा स्व. वीरेंद्र कुमार जैन जी हैं ।

डॉ.जैनकी स्कूली शिक्षा श्री महावीर दि. जैन विद्यालय साढूमल, जिला ललितपुर (उ०प्र०) से हुई। तदनन्तर पूर्वमध्यमा परीक्षा उत्तीर्ण करके स्याद्वाद महाविद्यालय, वाराणसी से जैनदर्शनाचार्य, काशी हिन्दू, विश्वविद्यालय, वाराणसी से एम. एम. (संस्कृत), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से पी-एच.डी (संस्कृत) तथा क्वीन्स कॉलेज, वाराणसी से कन्नड़ भाषा में डिप्लोमा प्राप्त किया ।

डॉ. रमेश्चन्द जैन की शिष्यपरम्परा भी सुदीर्घ है। उनके निर्देशकत्व में 38 शोधार्थियों ने शोधोपाधि प्राप्त की। इनमें डॉ. कपूरचन्द जैन, डॉ. शक्तिबाला कौशल,डॉ. सुबोधचन्द्र शर्मा,डॉ. मृदुल कुमारी, डॉ. सरोजरानी वर्मा, डॉ. कुन्तल, डॉ. रीता बिश्नोई,डॉ. सीमारानी शर्मा, डॉ. निशा, डॉ. लता कुमारी,डॉ. संगीता सिंघल,डॉ. विभा अग्रवाल,डॉ. मधु गुलाटी,डॉ. रेखा रानी, डॉ. हेमलत शर्मा, डॉ. दीपाली अग्रवाल,डॉ. पंकज राजपू,डॉ. मीना जैन,डॉ. अरूणा शर्मा,डॉ. नीता कुमारी जैन, डॉ. शेफाली अग्रवाल,डॉ. कुमकुम देवी,डॉ. सुनीता राजपूत,डॉ. संगीता देवी, डॉ. कुमुद चौहान,डॉ. उर्वशी,डॉ. अंजना शर्मा,डॉ. शिवाली, डॉ. पूनम रानी,डॉ. पुष्पा पंवार, डॉ. शीतल,डॉ. शोभना गहलौत, डॉ. गोपेश शर्मा, डॉ. पारुल कौशिक, डॉ. मीना जैन,डॉ. रीना रानी हैं।

शिक्षाप्राप्त करने के पश्चात् डॉ. जैन 2 अगस्त 1969 से 30 जून 2007 तक वर्द्धमान कॉलेज, बिजनौर में निरन्तर संस्कृत शिक्षक रहे त था विभागाध्यक्ष एवं रीडर के रूप में सेवानिवृत्त हुए ।

सम्प्रतिई-27. रोहिणी सेक्टर नं. 1. अवन्तिका के पास, नई दिल्ली में निवास कर रहे हैं। मो० 7703858230

डॉ. जैन आध्यात्मिक, धार्मिक और नैतिक चिन्तन, मनन और लेखन, शाकाहार तथा अहिंसा के प्रचार के लिए देश में भ्रमणतथा सदुपदेश करते रहे ।

साहित्य सपर्या (प्रकाशित ग्रन्थ तालिका एवं प्रकाशक) -

डॉ. जैन ने शिक्षक होने के साथ ही प्रचुर साहित्य की रचना की । आप द्वारा लिखित ग्रन्थों की लम्बी सूची है जिनमें मौलिक ग्रन्थों के अतिरिक्त कोशग्रन्थ, शोधपरक, सम्पादित, अनूदित तथा समीक्षात्मक ग्रन्थ सम्मिलित हैं। अभी तक कुल 74 कृतियों का विवरण प्राप्त होता है जिनका उल्लेख यहाँ किया जा यहाँ है।  मौलिक कृतियाँ -

  1. पावनतीर्थ हस्तिनापुर प्रकाशक श्री दि. जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी, हस्तिनापुर 1993 ई. ।
  2. अहिच्छत्रा की पुरा सम्पदा, प्रकाशक-पीयूष भारती, बिजनौर 1987 ई. ।
  3. जैन पर्व, प्रकाशक- जैनविद्या संस्थान, दि. जैन अतिशय क्षेत्र महावीरजी, 1996 ई. ।
  4. श्रावक धर्म, प्रकाशक-अ.भा. दि.जैन शास्त्रिपरिषद्, 1976 ई.
  5.  हे ज्ञानदीप आगम प्रणाम, प्रकाशक - दि. जैन मन्दिर संघी जी. सांगानेर जयपुर 1999 ई. ।
  6. आचार्य सूर्यसागर व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व-  प्रकाशक- आ. शान्तिसागर छाणी स्मृति ग्रन्थमाला, 1996 ई. ।
  7.  जैनधर्म की मौलिक विशेषताएँ, प्रकाशक- आ. ज्ञानसागर ग्रन्थमाला, श्री दिगम्बरजैन श्रमण संस्कृति संस्थान, वीरोदय नगर, जैननशियाँ रोड, सांगानेर जयपुर (राज.) ।
  8.  जैन धर्म दर्शन, प्रकाशक - भगवान् ऋषभदेव ग्रन्थमाला, श्री दि. जैनअतिशय क्षेत्र मन्दिर संघी जी, जैन मन्दिर रोड, सांगानेर जयपुर (राजस्थान) 2006 ई. ।
  9. अहिंसा दर्शन, प्रकाशक – दिगम्बर जैन साहित्य संस्कृति संरक्षण समिति, डी - 302 विवेक विहार, दिल्ली 2004 ई.।
  10.  उद्बोधन प्रकाशक - श्री अ.भा. दि.जैन विद्वत्परिषद, बुरहानपुर (म०प्र०) ।
  11. आचार्य कुन्दकुन्द का तत्त्व दर्शन, प्रकाशक-श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद्, बुरहानपुर (म०प्र०) 2007 ई०) ।
  12. जैन इतिहास के विशिष्ट नायक, प्रकाशक भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला, सांगानेर जयपुर एवं आचार्य ज्ञानसागरवागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राज.) सन् 2014 ।
  13.  गिरनार वन्दन, प्रकाशक-भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी मुम्बई सन् 2014 ।
  14. मुनिपुडगव श्री सुधासागर : व्यक्तित्व, विचार एवं प्रभाव (प्रथम, द्वितीय तृतीय खण्ड), प्रकाशक-भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला, सांगानेर-जयपुर (राजस्थान) एवं आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, व्यावर (राजस्थान), सन् 2015 ई. ।
  15. सुधा-साहित्य समीक्षा, प्रकाशक-प्राच्य विद्या अहिंसा शोध संस्थान, पार्श्व ज्योति मंच (रजि.) बुरहानपुर, म०प्र०। 16. समराइच्चकहा, पढमोभवो (कन्नड अनुवाद), प्रकाशक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्राकृत स्टडीज एण्ड रिसर्च, श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) ।
  16.  समराइच्चकहा, बीओभयो (कन्नड अनुवाद), प्रकाशक-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्राकृत स्टडीज एण्ड रिसर्च,श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) ।
  17. सल्लेखना : एक अनुशीलन (अप्रकाशित)
  18. श्रवणबेलगोला के शिलालेखों में उल्लिखित आचार्य, श्रावक और श्राविकायें (अप्रकाशित)

शोध-प्रबन्ध -

  1. पदमचरित में प्रतिपादित भारतीय संस्कृति, प्रकाशक-श्री भ.दि.जैन महासभा नन्दीश्वर फ्लोर मिल्स, ऐशबाग, लखनऊ, 1983 ई. ।
  2. बौद्धदर्शन की शास्त्रीय समीक्षा, प्रकाशक- आ. ज्ञानसागर बागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर 1995 ई.  ।
  3. अनेकान्त एवं स्याद्वाद विमर्श, प्रकाशक आ. ज्ञानसागर बागर्थ विमर्श केन्द्र, सरस्वती भवन, सेठ जी की नसियों, व्यावर (राजस्थान). 1994 ई. ।
  4. आचार्य ज्ञानसागर द्वारा स्मृतसाहित्य, प्रकाशक- आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, सरस्वती भवन, सेठ जी की नसियों, ब्यावर (राजस्थान), 1994 ई. ।
  5. दिगम्बरत्व की खोज, प्रकाशक अहिंसा मन्दिर प्रकाशन श्री राजकृष्ण जैन चेरिटेबिल ट्रस्ट, अंसारी रोड, दरियागंज, सन् 1997ई.,नई दिल्ली-110002 ।

कोश-ग्रन्थ : -

  1.  Hindi English Dictionary of Jain Technical Terms, Syadwada Jain Vishva Jain Institute, Sonagir, Datiya, (M.P.) ।
  2.  सुधासागर हिन्दी इंग्लिश जैन डिक्शनरी, 1900 ई. ।
  3.  मूलाधार वसुनन्दि परिभाषिक कोश (संस्कृत-प्राकृत तथा हिन्दी), प्रकाशक- श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद्, बुरहानपुर, वीर निर्वाण सं. 2533 ।
  4.  षट्खण्डागम-धवला-जीवट्ठाण कोश (प्राकृत संस्कृत-हिन्दी), प्रकाशक श्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैनविद्वत्परिषद्, बुरहानपुर, 2010 ई. ।

अनूदित ग्रन्थ -

29. समराइच्चकहा (प्राकृत कथा ग्रन्थ), प्रथम व द्वितीय खण्ड, प्रकाशक-भारतीय ज्ञानपीठ 18 इन्स्टीटयूशनल एरिया, लोधी रोड, नई दिल्ली 1993 एवं 1996 ।

30. भक्तामर स्तोत्र, प्रकाशक-जैनधर्म प्रचार समिति, धामपुर, जिला बिजनौर, उत्तर प्रदेश, वीर निर्वाण संवत् 2510 ।

31. भावसंग्रह, प्रकाशक - भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद, दिल्ली, 1962 ई. ।

32. आराधना कथा प्रबन्ध, प्रकाशक- आ. शान्तिसागर छाणीस्मृति ग्रन्थमाला, बुढ़ाना, जिला-मुजफ्फरनगर (उ0प्र0 ) 1990ई. ।

33. नीतिशतक, प्रकाशक शिक्षा प्रकाशन गृह, बड़ा बाजार बरेली (उ0प्र0) 1968 ई.।

34. शिशुपालवध प्र. सर्ग, प्रकाशक ज्ञान प्रकाशन, सुभाष बाजार मेरठ 1987 ई. ।

35. नैषधीयचरितम् तृतीयसर्ग, प्रकाशक - ज्ञानप्रकाशन, सुभाष बाजार मेरठ 1987 ई.।

36. माण्डूक्योपनिषद् प्रकाशक-साहित्य भण्डार, सुभाष बाजार मेरठ 1984 ई. ।

37. बुद्धचरितम् तृतीय सर्ग, प्रकाशक कुमार प्रकाशन 275, जनकपुरी, बरेली 1987 ई. ।

38.  शिवराज विजय (पंचम निश्वास), प्रकाशक- राज बुक डिपो, बरेली 1987 ई. ।

39. पार्श्वाभ्युदय, प्रकाशक- भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत्परिषद् दिल्ली 1989-90 ई. ।

40. प्रमेयरत्नमाला, प्रकाशक-भारतवर्षीय अनेकान्त विपरिषद् दिल्ली, 1992 ई. ।

41 सुदर्शनचरित, प्रकाशक-दिगम्बर जैन समाज, गुलाबवादिका, लोनी रोड, दिल्ली 1992 ई. ।

42. देवागम स्तोत्र, प्रकाशक-अ.भा.दि जैन शाखिपरिषद्, बडत्रौत (बागपत) उ0प्र0 1993 ।

43. अञ्जना पवनञ्जयनाटक, प्रकाशक आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर, 1994 ई. ।

44. आदि ब्रह्म ऋषभदेव, प्रकाशक आ. ज्ञानसागर बागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर 1994 ई. ।

45. समराइच्चकहा, पढमोभवो, प्रकाशक- साहित्य भण्डार, सुभाष बाजार, मेरठ 1980 ई., राष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन एवं संशोधन संस्थान, श्रवणबेलगोला, सन् 2015 ।

46. जैन कुमार सम्भव महाकाव्य, प्रकाशक - प्राकृत भारती जयपुर 2003 ई. ।

47. प्रद्युम्नचरित, प्रकाशक- भारतीय ज्ञानपीठ, 18 इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोधी रोड, नई दिल्ली ।

48. समराइच्चकहा, बीओ भवो, प्रकाशक- राष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन एवं संशोधन संस्थान, श्रवणबेलगोला, सन् 2015 ।

49. परमात्म प्रकाश प्रकाशक- भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला सांगानेर-जयपुर (राज.) आ. ज्ञानसागरवागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर सन् 2016 ई. ।

50. जम्बूस्वामिचरितम् प्रकाशक- भगवान ऋषमदेव ग्रन्थमाला सांगानेर-जयपुर (राज.) आ. ज्ञानसागरवागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर सन 2016 ई. ।

51. सिरि पंच संगहो, प्रकाशक-भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला, सांगानेर-जयपुर (राज.) आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर सन् 2016 ई. ।

51अ. जैन धर्म का सार Compendium of Jainism का हिन्दी अनुवाद, 2018 में प्रकाशित ।

सम्पादित रचनायें :-

52. समाधि तन्त्र, प्रकाशक - भा. अनेकान्त विद्वत् परिषद् दिल्ली 1989-90 ।

53. इष्टोपदेश, प्रकाशक- भा. अनेकान्त विद्वत। परिषद्, दिल्ली 1989-90 ।

54. सिद्धचक्र विधान, प्रकाशक-पीयूष भारती जैन मन्दिर के पास बिजनौर, 1990 ई. ।

55. जैन परम्परा में ध्यान का स्वरूप, प्रकाशक-पीयूष भारती, जैन मन्दिर के पास बिजनौर 1992 ई. ।

56.  सल्लेखना दर्शन, प्रकाशक-जैन समाज, ललितपुर ।

57. आचार्य ज्ञानसागर और उनकी साहित्य साधना, प्रकाशक- आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राज.) ।

58. जैनदर्शन में रत्नत्रय का स्वरूप, प्रकाशक आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर, (राज). 1995 ई. ।

59. जैन राजनैतिक चिन्तन धारा, प्रकाशक- आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राज.), 1995 ई. ।

60. जयोदय महाकाव्य परिशीलन, प्रकाशक- आ. ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र ब्यावर (राज.) ।

61. नग्नत्व क्यों और कैसे? प्रकाशक-ज्ञानोदय नवयुवक सभा, लार्डगंज, जबलपुर (म.प्र.) ।

62. सर्वार्थसिद्धि का दार्शनिक परिशीलन, प्रकाशक- आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राज.) 1995 ई. ।

63. तीर्थ प्रवर्तक, प्रकाशक- आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राज.). 1996 ई. ।

64. पं. बाबूलाल जैन जमादार अभिनन्दन ग्रन्थ, प्रकाशक-पं. बाबूलाल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ प्रकाशन समिति ।

65. इतिहासरत्न डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल अभिनन्दन ग्रन्थ, प्रकाशक- डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल अभिनन्दन ग्रन्थसमिति, 1998 ई० ।

66. सुदर्शनोदय (अंग्रेजी), प्रकाशक- आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राजस्थान), 1995 ई. ।

67. समुद्रदत्त चरित (अंग्रेजी), प्रकाशक भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला सांगानेर-जयपुर (राजस्थान) ।

68. आचार्य विद्यासागर व्यक्तित्व एवं काव्यकला, प्रकाशक-भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला सांगानेर-जयपुर (राज.) ।

69. ऋषभदेव, एक अनुशीलन, प्रकाशक-सृष्टि स्वस्ति केन्द्रीय मण्डल, मन्दिर वाली गली, प्रतापनगर, सहारनपुर (उ०प्र०) 2004 ई. ।

70. जयोदय महाकाव्य का दार्शनिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन, प्रकाशक भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला सांगानेर-जयपुर (राजस्थान) ।

71. सांख्यदर्शन की शास्त्रीय समीक्षा, प्रकाशक भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला सांगानेर-जयपुर (राजस्थान) ।

72. हरिषणकृत कथाकोश (हिन्दी अनुवाद सहित) प्रकाशक भगवान ऋषभदेव ग्रन्थमाला, सांगानेर-जयपुर (राजस्थान) एवं आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर (राजस्थान), सन् 2013 ई. ।

73. प्राकृत गौरवम्, प्रकाशक-राष्ट्रीय प्राकृत अध्ययन एवं संशोधन संस्थान श्रवणबेलगोला, सन् 2015 ई. (हिन्दी अनुवाद सहित) ।

74. महावीर काव्यांजलि, प्रकाशक-श्री अ.भा. दि. जैन विद्वत्परिषद् (रजि.) सन् 2016 ई. भिन्न-भिन्न पत्रिकाओं एवं ग्रन्थों में प्रकाशित शोध व अन्य लेख लगभग 300 ।

प्रमुख विद्यायतनों तथा सामाजिक संस्थानों से सम्बद्धता :-

डॉ. रमेश चन्द्र जैन प्रचुर ग्रन्थों की रचना के अतिरिक्त अनेक विद्यायतनों तथा सामाजिक संस्थानों से सम्बद्ध रहे। प्राच्य विद्या सम्मेलन, रोहतक अधिवेशन में प्राकृत तथा जैनधर्म सेक्शन की अध्यक्षता की। आप ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, ब्यावर के सम्पादक तथा नियामक आचार्य थे। नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ प्राकृत स्टडीज एण्ड रिसर्च, श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) के निर्देशक मण्डल के सदस्य रहे। अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद् के अध्यक्ष, अ.भा.दि. जैन शास्त्रि परिषद् की कार्यकारिणी के सदस्य, कार्यकारिणी अ.भा. दि.जैन महासमिति के सदस्य, शिक्षक संघ, वर्द्धमान कॉलेज, बिजनौर के सचिव, जैनसमाज बिजनौर के सचिव, शिक्षक संघ, वर्द्धमान कॉलेज, बिजनौर 2500वीं भगवान महावीर निर्वाणोत्सव समिति, बिजनौर (उ०प्र०), के सचिव, जैनधर्म प्रचार समिति के अध्यक्ष, बुन्देलखण्ड स्याद्वाद परिषद् के संयुक्त मन्त्री आदि जैनसमितियों के मानद पदाधिकारी रहे। साथ ही एम. जे.पी. रुहेखण्ड वि.वि. बरेली (भूतपूर्व सदस्य) के शोधोपाधि समिति, पाठ्यक्रमसमिति तथा शिक्षा समिति के सदस्य रहे।

यही नहीं, आप पार्श्वज्योति (पाक्षिक), बिजनौर के प्रधान सम्पादक तथा पार्श्वज्योति (मासिक) बुरहानपुर के वरिष्ठ सम्पादक भी रहे ।भारत सरकार की तकनीकी शब्दावली योजना के अन्तर्गत जैनदर्शन परिभाषा कोश समिति के सदस्य, जैन विद्या अध्ययन एवं अनुशीलन केन्द्र, वर्द्धमान कॉलेज, बिजनौर उ०प्र० तथा नेशनल इन्स्टीटयूट ऑफ प्राकृत स्टडीज एण्ड रिसर्च, श्री धवलतीर्थम, श्रवणबेलगोला 573135, जिलाहासन (कर्नाटक) के निदेशक भी रहे। दो सौ से भी अधिक सङ्गोष्ठियों में भाग लेकर आपने कीर्तिमान स्थापित किया है।

प्राप्त पुरस्कार -

निरन्तर जैन साहित्य के संवर्धन में निरत डॉ. जैन को विविध पुरस्कार प्राप्त हुये जिनका उल्लेख किया जा रहा है।

1. श्री चांदमल पाण्ड्या पुरस्कार 1973. द्वारा अ.भा. दि. जैन शास्त्रि परिषद् ।

2. भगवान् ऋषभदेव पर अखिल भारतवर्षीय निबन्ध प्रतियोगिता पुरस्कार, द्वारा दि. जैन त्रिलोक शोध संस्थान, हस्तिनापुर 1903 ई. ।

3. 'सल्लेखना दर्शन' पुस्तक पर उ.प्र. संस्कृत अकादमी पुरस्कार 1994 ई. ।

4. 'बौद्धदर्शन की शास्त्रीय समीक्षा' कृति पर श्री अ.भा.दि. जैन विद्वत्परिषद् पुरस्कार, 1997 ई. ।

5. 'अनेकान्तवाद' पर अखिल भारतवर्षीय निबन्ध प्रतियोगिता पुरस्कार ।

6. 'महावीर पुरस्कार' जैनविद्या संस्थान, श्री महावीर जी द्वारा वर्ष 1997 ।

7. धर्मदर्शन विज्ञान शोध संस्थान, बड़ौत की ओर से सलुम्बर में आयोजित द्वितीय 'राष्ट्रीय विज्ञान संगोष्ठी' पुरस्कार ।

8. ‘दिगम्बरत्व की खोज’ पुस्तक पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ की ओर से 1997 का पुरस्कार ।

9. श्री चम्पालाल सांड स्मृति पुरस्कार, 'समराइच्चकहा' के अनुवाद पर 1999 ई. ।

10. आचार्य ज्ञानसागर स्मृति साहित्य पुरस्कार 1999 ई. ।

11. दिगम्बर जैन समाज, फरीदाबाद की ओर से 2600वां भगवान् महावीर जन्म जयन्ती पुरस्कार ।

12. गोम्मटेश विद्यापीठ स्मृति प्रशस्ति (दिनांक 08.04.2008), श्रवणबेलगोला ।

13. अहिंसा पुरस्कार, अहिंसादर्शन कृति पर (2004 में दि. जैन साहित्य एवं संस्कृति संरक्षण समिति दिल्ली द्वारा) ।

14. 'जैनधर्म की मौलिक विशेषताएं' कृति पर गुरुवर्य पं. गोपालदासबरैयास्मृति विद्वत्वपरिषद् पुरस्कार (दि. 4 अक्टूबर

2006) ।

15. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ की ओर से 2005 ई. में 'प्रद्युम्नचरित' के अनुवाद पर पुरस्कृत ।

16. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ की ओर से 2006 ई. में 'जैनधर्मदर्शन' कृति पुरस्कृत ।

17. विराग फाउण्डेशन, अहमदाबाद की ओर से आचार्य सन्मति सागर पुरस्कार 2010, बांसवाड़ा में ।

18. श्री राजेन्द्र नाथूलाल जैन मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट, सूरत की ओर से ट्रस्टी श्री ज्ञानेन्द्र गदिया द्वारा मुनिपुडगवश्री सुधासागर श्रमण संस्कृति, श्रुतसेवा एवं तीर्थसंरक्षण पुरस्कार (राशि 31001 रू.) से पुरस्कृत दि. 7 अक्टूबर 2011, स्थान- जबलपुर ।

19. आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती पुरस्कार, 2014, कुन्दकुन्द भारतीय, नई दिल्ली द्वाराप्रदत्त ।

20. महाकवि आचार्य श्री विद्यासागर पुरस्कार (राशि 51000 रू.) स्थान कोटा, राजस्थान, वर्ष 2015 ।

21. डॉ. ए.एन. उपाध्ये जैन साहित्य निर्मिती व संशोधन प्रशस्ति, दक्षिण भारत जैन सभा पदवीधर संघटना, सांगली (महा.) द्वारा दि. 20 दिसम्बर, 2015  ।


पुरस्कार

जैन विद्वत्परिषद् पुरस्कार, उ.प्र. संस्कृत अकादमी पुरस्कार