20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
वाणीशरण शर्मा
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया upsanskritsansthanam@yahoo.com पर भेजें

जन्म स्थान संभल
स्थायी पता
संभल

वाणीशरण शर्मा

स्कंदपुराण से संकलित कर संभल माहात्म्य उद्धृत कर देव वाणी प्रकाशन से हिंदी अनुवाद सहित प्रकाशित कराने वाले श्री वाणी शरण शर्मा, संस्कृत प्रवक्ता शंकर शरण इंटर कॉलेज में पदासीन हैं। संभल में इनके पिता श्री सुदर्शनाचार्य (दीक्षा नाम दंडी स्वामी सुखबोधाश्रम जी महाराज) का विशेष परिचय उपलब्ध नहीं  है लेकिन सुना जाता है कि संस्कृत क्षेत्र में उनका योगदान संभल के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय रहा है।

श्री महीधर शास्त्री, श्री श्यामकुमार जी, श्री आर के भारद्वाज, श्री वीरेश्वर, श्री भव देव मिश्र, श्री शिव प्रसाद, श्री रामलाल, श्री कृष्ण, दिनेशचंद्र, डॉ. ज्ञानेंद्र पाठक, डॉ. सत्येंद्र पाठक, श्री श्याम बाबा, श्री रामजीत उपाध्याय, डॉ. विश्वास कुमार उपाध्याय, श्री बनवारीलाल शास्त्री, श्रीकृष्ण स्वरूप विद्यालंकार श्रीनिगम जी विद्यालंकार, श्याम सुंदर शास्त्री, महावीर शर्मा ज्योतिषाचार्य, डॉ. अनुभा गुप्ता, श्री डॉ. एस के शर्मा रामदेव मिश्र, प्रवीण कुमार उपाध्याय आदि ऐसे नाम रहे हैं जिन्होंने अपने समय में यथा सामर्थ्य यथासंभव संस्कृत के प्रचार प्रसार में शिक्षण आदि कार्य करते हुए योगदान दिया है।