20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
प्रो. आजाद मिश्र ‘मधुकर’
जन्म 25 अक्टूबर 1949
जन्म स्थान परसिया मिश्र
स्थायी पता
2/239 विराम खण्ड, गोमतीनगर

प्रो. आजाद मिश्र ‘मधुकर’

उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में परसिया मिश्र नामक गाँव है, जहाँ वत्सगोत्रीय सरयूपारीण मिश्र ब्राह्मणों की बस्ती है। वहाँ 25 अक्टूबर 1949 ई. को आजाद मिश्र का जन्म हुआ। इनके पिता लल्लन मिश्र अखाड़े के पहलवान किसान थे और इनकी माता चन्द्रावती देवी थीं। गाँव पर प्राथमिक शिक्षा प्राप्तकर इन्होंने अजमेर जनपद में स्थित तीर्थ गुरु पुष्कर में शास्त्री कक्षा तक अध्ययन किया। तत्पश्चात् वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी में अध्ययन करते हुए इन्होंने 1971 में नव्यव्याकरणाचार्य परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करके विश्वविद्यालय से स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त किया।

आचार्य परीक्षा उत्तीर्ण करते ही शार्दूल संस्कृत विद्यापीठ, बीकानेर में 1971 ई. में प्रो. मिश्र की व्याख्याता पद पर नियुक्ति हो गयी, जहाँ 8 वर्षों तक व्याकरण शास्त्र का प्राध्यापन किया। तदनन्तर डॉ.मिश्र ने भारतशासनाधीन राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में नियुक्ति प्राप्त कर 1979 से 1986 तक गङ्गानाथ झा शोध संस्थान इलाहाबाद में तत्पश्चात् लखनऊ केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ में आरम्भ काल से 2002 तक रीडर एवं प्राचार्य पद पर सेवा की। उसके बाद भोपाल में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान का परिसर आरम्भ करने के लिए प्रो. मिश्र ने जून 2002 से वहाँ संस्थापक प्राचार्य के रूप में शिक्षण-प्रशिक्षण व्यवस्था एवं सांस्थानिक नव निर्माण कार्य निष्पादित कराया। फलस्वरूप केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ने वहाँ लगभग रूपये पैंतीस करोड़ की लागत से मुख्य वत्सराज भवन, वातानुकूलित वररुचि ग्रन्थागार तथा भवभूति प्रेक्षागार, दाक्षी (महिला छात्रावास, कवि भास्कर छात्रावास, सुदामा अतिथि निवास, भगवत्पाद गोविन्द प्राचार्य सदन एवं कर्मचारी आवास का सुन्दर निर्माण किया है।

इस प्रकार भोपाल-परिसर में पूर्ण विकास करके प्रो. मिश्र वहाँ से अक्टूबर 2014 में सेवानिवृत्त होकर अब लखनऊ गोमतीनगर 2/239 विराम खण्ड में सपत्नीक निवास करते हैं।

प्रो. मिश्र को उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ से विविध, विशेष एवं नामित पाणिनि पुरस्कार, महर्षि व्यास पुरस्कार तथा आकाशवाणी से सर्वश्रेष्ठ कविता पुरस्कार, मध्यप्रदेश लेखक संघ से साहित्यकार सम्मान प्राप्त हुए हैं। प्रो. मिश्र के सम्मान में अभिनन्दन ग्रन्थ के दो भाग प्रकाशित हैं।

प्रो. मिश्र के मार्गनिर्देशन में 15 से अधिक शोध छात्रों को पीएच.डी. शोधोपाधि मिली है। इनके द्वारा रचित एवं संपादित बाईस स्थूलकाय ग्रन्थ प्रकाशित हैं, जिनमें प्रमुख हैं-

1. पंजाबी संस्कृत शब्दकोश 2. बुन्देली संस्कृत शब्दकोश 3. मालवी संस्कृत शब्द कोश 4. संस्कृत के प्रत्ययों का भाषाशास्त्रीय पर्यालोचन 5. वैयाकरणसिद्धान्तरत्नाकरः (3 भाग) 6. संस्कृत पीयूषम् (3 भाग, पूर्वमाध्यमिक पाठ्यपुस्तक) 7. शास्त्रीय निबन्ध मञ्जूषा 8. हिन्दी संस्कृत निबन्ध मञ्जरी 9. राजपाथेयम् 10. मधुकरगीतम् 11. श्रीमद्भागवत् महापुराण (भाषा टीका एवं सम्पादन) इत्यादि।

इन्होंने विभिन्न संस्कृत पत्रिकाओं के तथा उ.प्र. संस्कृत संस्थान की संस्कृत शोध पत्रिका ‘परिशीलनम्’ का सम्पादन किया हैं। संप्रति आप श्रीमद्भागवत की भाषा टीका एवं सम्पादन में संलग्न हैं। इसका तीन भाग उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम्, लखनऊ से प्रकाशित हो चुका है।


पुरस्कार

नामित पाणिनि पुरस्कार, महर्षि व्यास पुरस्कार ,कविता पुरस्कार