20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
डॉ० रामकिशोर शर्मा
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जन्म 14 अगस्त 1634
जन्म स्थान ग्राम बिसाहट
स्थायी पता
ग्राम बिसाहट मुरादाबाद

डॉ० रामकिशोर शर्मा

डॉ० रामकिशोर शर्मा आत्मज स्व० रामगोपाल शर्मा का जन्म मुरादाबाद जिले के बिसाहट ग्राम में १४.०८.१६३४ ई० को ब्राह्मण परिवार में हुआ है। आपने ग्राम में ही प्रारम्भिक शिक्षा को पूर्ण करके गढ़मुक्तेश्वरनगर के श्री भागीरथी संस्कृत महाविद्यालय में नव्य न्यायव्याकरण वेदान्ताचार्य प्राचार्य श्री सत्यव्रत शर्मा की श्रीचरणसन्तिधि में ‘‘शास्त्री' उपाधि प्राप्ति के पश्चात् एल॰बी० बैजल लोधीपुर गाजियाबाद में शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया। उसी अवधि में साहित्याचार्य वाराणसी से संस्कृत वि०वि० से, एम०ए० (संस्कृत, हिन्दी) आगरा वि०वि० से और दर्शनशास्त्र की उपाधि रुहेलखण्ड वि०वि० से प्राप्त की। तत्पश्चात् सम्पूर्णानन्द संस्कृत वि०वि० के पूर्व कुलपति प्रो० राममूर्ति शर्मा के निर्देशन में 'पीएचडी' उपाधि को प्राप्त किया।

आप मेरठ के नानक चन्द एंग्लो संस्कृत महाविद्यालय में 'संस्कृत विभाग' में नियुक्त हुए। १६ जनवरी, १६७५ से सन् १६६५ तक शिक्षण कार्य करके वहाँ से अवकाश प्राप्त किया है। उसी काल में विविध ग्रन्थ लेखन, शोधपत्र वाचनादिक करते हुए शोधकार्य निर्देशन सम्पन्न किया।

इनके निर्देशन में ४० से अधिक शोधच्छात्र पीएच.डी. उपाधि प्राप्त करके सम्प्रति शिक्षा जगत् एवं विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न वि०वि० माध्यमिक शिक्षा परिषद् आदि की सदस्यता प्राप्त करके सेवा कार्य किया।

आपने हिन्दू विश्वविद्यालय, स०वि०वि० इलाहाबाद वि०वि० मेरठ वि० विद्यालयों के संस्कृत पाठ्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रदान की। अवकाश प्राप्ति के पश्चात् संस्कृत अध्यापक परिषद् के द्वारा संस्कृत सीहित्यम्' अभिनन्दन ग्रन्थ से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा वर्ष २०१८ का महर्षि व्यास पुरस्कार प्रदान किया गया।


पुरस्कार

महर्षि व्यास पुरस्कार