20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
प्रो. अमरनाथ पाण्डेय
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जन्म 06 अक्टूबर 1637
जन्म स्थान ग्राम अनुवाँ
निधन 26 अक्टूबर 2015
स्थायी पता
ग्राम अनुवाँ ,प्रयागराज

प्रो. अमरनाथ पाण्डेय

प्रो. अमरनाथ पाण्डेय का जन्म ०६.१०.१६३७ को प्रयागराज जनपद के अनुवाँ ग्राम में हुआ। आपकी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुई। प्रो. पाण्डेय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.ए., एम.ए. तथा डी. फिल की उपाधियों प्राप्त की। प्रो. पाण्डेय ने हाईस्कूल से लेकर एम.ए. तक की सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। आपको अध्यन-काल में अनेक छात्रवृत्तियों एवं पुरस्कार प्राप्त हुए।

सन् १९५८ से १९६० तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अनुसंधान कार्य के साथ यू.जी.सी. रिसर्च स्कालर के रूप में अध्यापन कार्य भी किया। वर्ष १६६० में आपकी नियुक्ति वाराणसी के काशी में संस्कृत के प्राध्यापक के रूप में हुई। वहीं पर आप क्रमशः रीडर एवम् कम अवस्था में ही प्रोफेसर भी नियुक्त हुए। अवैतनिक पुस्तकालयाध्यक्ष, मानविकी सङ्कायाध्यक्ष, छात्र कल्याण सङ्कायाध्यक्ष जैसे पदों पर आपने अध्यापन के साथ कुशल प्रशासक के दायित्व का भी सम्यक् निर्वाह किया। प्रो. पाण्डेय काशी विद्यापीठ के संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में में ३७ वर्षों (१६६०-१९६७) तक अध्यापन करते हुए १८६८ मेवा हुए। प्रो. पाण्डेय के निर्देशन में ३६ छात्रों ने पी-एच.डी. एवम एक छात्र ने डी. लिट् की उपाधि प्राप्त की। प्रो. पाण्डेय साहित्य व्याकरण, वेद और भारतीय दर्शन के भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में संस्कृत साहित्य के स्रोत पुरुष रूप में समादृत हैं। प्रो. पाण्डेय ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में भी विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अध्यापन कार्य किया है। म.म. राष्ट्रपति ने प्रो. पाण्डेय को 'सर्टिफिकेट आव आनर से सम्मानित किया।

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान ने विशिष्ट पुरस्कार, वाल्मीकि पुरस्कार वर्ष २००९ प्रदान किया। प्रोफेसर पाण्डेय अखिलभारतीय पण्डितमहापरिषद, काशी विद्वत्परिषद् सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, भारतधर्ममहामण्डल, वाराणसी, कामेश्वरसिंह संस्कृतविश्वविद्यालय, दरभंगा, अखिल भारतीय विद्वत्-परिषद् आदि संस्थाओं के द्वारा सम्मानित हैं। वाक्य-दधीचि उन्हें पण्डितराज महामहोपाध्याय विद्यारत्नाकर अन्नपूर्णा श्री विद्वद् भूषण-विद्वन्मणि-वाको विश्वावारध्यविश्वभारती आदि सम्मानोपाधियाँ मिल चुकी हैं।

प्रो. पाण्डेय का साहित्य संस्कृत, अंग्रेजी तथा हिन्दी भाषाओं में अब तक १८ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें वाणमट्ट का साहित्यिक अनुशीलन, बाणभट्ट का आदान-प्रदान, शब्द-विमर्श, संस्कृतकविसमीक्षा दशरूपकदीपिका उपसर्गवर्ग आदि मुख्य हैं। इन्होंने विश्व संस्कृत सम्मेलन के पंचम अधिवेशन गोष्ठियों की अध्यक्षता की। आपने मलयेशिया तथा आस्ट्रेलिया में भारतीय दर्शन और संस्कृति पर अनेक व्याख्यान दिये। प्रो. पाण्डेय जिस प्रकार देश के वरिष्ठ आचार्य रहे हैं, उसी प्रकार आपकी विद्वत्ता का प्रसार भी देश के विभिन्न महाविद्यालयों, विश्वविद्यालायों एवं शोध संस्थानों में आपके शताधिक व्याख्यानों द्वारा हुआ है। आपकी गति संस्कृत एवं अंग्रेजी में समान होने के कारण आप व्यापक संस्कृत विद्वान माने जाते हैं।

प्रो. अमरनाथ पाण्डेय का निधन दिनांक 26-10-2015 के प्रातः 8-30 बजे काशी में हो गया।


पुरस्कार

वाल्मीकि पुरस्कार