20 वीं शताब्दी की उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा
 
राजा राम शास्त्री
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जन्म स्थान ग्राम नूरपुर
निधन 20 जनवरी 2014
स्थायी पता
ग्राम नूरपुर कालपी जनपद जालौन

राजा राम शास्त्री

पंडित राजा राम शास्त्री प्रसिद्ध वक्ता, महान स्वतंत्रता सेनानी, व विशिष्ट संस्कृत विद्वान् के रूप में जनपद जालौन में प्रसिद्ध थे। पंडित जी का जन्म .2 जुलाई, 1992 को ग्राम नूरपुर कालपी जनपद जालौन में स्वर्गीय कालका प्रसाद मिश्र व सिटौली-वाली (माता का उपनाम) के यहां हुआ था।

आपकी प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक पाठशाला नूरपुर में ही हुई। अनंतर मध्यमा, शास्त्री (1953), व्याकरण तथा साहित्य विषय से आचार्य की उपाधि आपने श्रीआदर्श संस्कृत महाविद्यालय, उरई से प्राप्त की। आप वहीं पर सन् 1955 से अध्यापन कार्य करने लगे। आपने सन् 1970 में श्री आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य पद का भी निर्वहण किया। शासन द्वारा प्रवक्ता ;स्ज्द्ध पद पर चयन होने के उपरांत सनातन धर्म इंटर कॉलेज, उरई में ही सन् 1971 से सन् 1977 तक आपने अध्यापन कार्य किया।

आपका विवाह सन् 1953 में श्रीमती रामदेवी से हुआ। उनसे तीन सुयोग्य पुत्र हुए-1. श्री विनोद मिश्र (सहायक अध्यापक सनातन धर्म इंटर कॉलेज उरई) 2. श्री प्रमोद मिश्र 3. श्री सुबोध मिश्र (आचार्य)।

आपकी गुरुपरंपरा में पंडित विश्वनाथ व्यास, श्री बालमुकुंद शास्त्री जी प्रमुख हैं। आपकी शिष्य परंपरा में कुछ प्रमुख शिष्य हैं-डॉ. हरिनारायण दीक्षित, श्री रामबहादुर द्विवेदी।

आप जनपद जालौन के प्रमुख कर्मकांडीय विद्वानों में गिने जाते थे। आपने लगभग 45 वर्षों तक पांडित्य कर्म किया। आप श्रीमद्भागवत के विशिष्ट वक्ता थे, देवी-भागवत के मर्मज्ञ विद्वान के रूप में  आप विख्यात थे, और साथ ही साथ आप महान् स्वतंत्रता सेनानी भी थे। स्वतंत्रता हेतु आपने अनेक आंदोलनों में भाग लिया था। आपकी एक कृति प्रकाश में आती है-संस्कृतज्ञानमाला (जूनियर स्तर-1975 उरई)

इस प्रकार पंडितप्रवर, बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री राजाराम शास्त्री जी का देहावसान 20 जनवरी, 2014 को हो गया।